सोलर पावर सिस्टम लगाने की सोच रहे हैं? नेट मीटरिंग आपके बिजली बिल को कम करने का स्मार्ट तरीका है।
नेट मीटरिंग एक ऐसी सुविधा है जो आपको अपने घर या व्यवसाय में लगाए गए सोलर पैनल से उत्पन्न अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेजने की अनुमति देती है। इसके बदले में आपको बिजली बिल में क्रेडिट मिलता है। जब आपके सोलर पैनल ज़रूरत से ज्यादा बिजली बनाते हैं, तो वो एक्स्ट्रा यूनिट्स ग्रिड में चली जाती हैं, और जब सूरज नहीं होता (जैसे रात में), तो आप ग्रिड से बिजली ले सकते हैं।
आपके घर में एक “बाय-डायरेक्शनल मीटर” (दो-तरफा मीटर) लगाया जाता है जो:
महीने के अंत में, अगर आपने ग्रिड को ज्यादा बिजली दी है तो बिल में से यूनिट्स माइनस हो जाती हैं या अगली बिलिंग साइकिल में क्रेडिट हो जाती हैं।
भारत में कोई भी घरेलू उपभोक्ता (residential), व्यावसायिक उपभोक्ता (commercial) और औद्योगिक उपभोक्ता (industrial) नेट मीटरिंग के लिए आवेदन कर सकता है। नियम और सब्सिडी राज्य के हिसाब से बदल सकते हैं।
नेट मीटरिंग न सिर्फ पैसे की बचत करता है, बल्कि आपको आत्मनिर्भर भी बनाता है। यह समय है सोलर को अपनाने का और अपनी छत से बिजली बनाने का। “अपनी छत, अपनी बिजली” की ओर पहला कदम उठाइए।